लेखक:- डॉ पवन कुमार सुरोलिया सम्पर्क सूत्र- 9829567063
उम्र बढ़ने के साथ-साथ शरीर बीमारियों की चपेट में आ सकता है। इसके पीछे का एक बड़ा कारण है, रोग-प्रतिरोधक क्षमता का समय के साथ-साथ कमजोर होना। इन बीमारियों की लिस्ट में एक नाम रूमेटाइड अर्थराइटिस का भी है (1)। जो लोग इससे पीड़ित होते हैं, वो उससे होने वाले दर्द को बेहतर तरीके से समझ सकते हैं। कभी-कभी तो यह दर्द इतना कष्टदायक होता है कि उसे बर्दाश्त करना मुश्किल हो जाता है। इस आर्टिकल में हम बताएंगे कि रूमेटाइड अर्थराइटिस क्या है और रूमेटाइड अर्थराइटिस के कारण क्या-क्या हैं। साथ ही हम बताएंगे कि रूमेटाइड अर्थराइटिस का इलाज कैसे किया जा सकता है।
रूमेटाइड अर्थराइटिस क्या है ङ्खद्धड्डह्ल द्बह्य क्रद्धद्गह्वद्वड्डह्लशद्बस्र ्रह्म्ह्लद्धह्म्द्बह्लद्बह्य द्बठ्ठ ॥द्बठ्ठस्रद्ब
रूमेटाइड अर्थराइटिस (आरए) एक ऑटोइम्यून और सूजन की बीमारी है। इसका मतलब है कि शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता स्वस्थ कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाने लगती है। इससे शरीर के जो? वाले हिस्सों पर नकारात्मक प्रभाव प?ता है, जिसके कारण इन हिस्सों में सूजन और तेज दर्द शुरू हो जाता है।रूमेटाइड अर्थराइटिस मुख्य रूप से शरीर के जोड़ों को नुकसान पहुंचाता है। कई बार यह एक ही समय में शरीर के कई जो?ों को अपनी चपेट में ले लेता है। इस स्थिति में मुख्य रूप से कलाई, हाथों और घुटनों के जोड़ प्रभावित होते हैं। रूमेटाइड अर्थराइटिस पूरे शरीर के अन्य टिश्यू को भी प्रभावित कर सकता है, जिससे फेफड़ों, हृदय और आंखों में भी समस्या उत्पन्न हो सकती है
रूमेटाइड आर्थराइटिस के लक्षण स्4द्वश्चह्लशद्वह्य शद्घ क्रद्धद्गह्वद्वड्डह्लशद्बस्र ्रह्म्ह्लद्धह्म्द्बह्लद्बह्य द्बठ्ठ ॥द्बठ्ठस्रद्ब
रूमेटाइड अर्थराइटिस के लक्षण को भी जानना जरूरी है। क्रमवार तरीके से हम इसके लक्षणों को जान लेते हैं शरीर के किसी एक हिस्से में दर्द। शरीर के एक से अधिक जोड़ों में दर्द। शरीर के एक से अधिक जोड़ों में अक?न। एक से अधिक जोड़ों का मुलायम हो जाना और सूजन बने रहना। दोनों हाथों या दोनों घुटनों पर एक समान लक्षण। वजन घटना। बुखार आना। थकान होना।कमजोरी लगना।
रूमेटाइड अर्थराइटिस के कारण ष्टड्डह्वह्यद्गह्य शद्घ क्रद्धद्गह्वद्वड्डह्लशद्बस्र ्रह्म्ह्लद्धह्म्द्बह्लद्बह्य द्बठ्ठ ॥द्बठ्ठस्रद्ब
एक रिसर्च के मुताबिक, आरए का कारण ज्ञात नहीं है। जैसा कि हमने लेख में बताया है कि यह एक ऑटोइम्यून बीमारी है। इसका मतलब यह है कि शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली स्वस्थ कोशिकाओं पर हमला करती है। यह किसी भी उम्र में हो सकता है, लेकिन मिडिल ऐज यानी मध्यम उम्र के लोगों में इस बीमारी के होने की आशंका अधिक होती है। वहीं, पुरुषों की तुलना में महिलाओं को रूमेटाइड अर्थराइटिस होने का खतरा अधिक रहता है। हालांकि, इसके कुछ संभावित कारण हैं, जिसका जिक्र हम नीचे कर रहे हैं (2) – संक्रमण के कारण भी रूमेटाइड आर्थराइटिस की समस्या हो सकती है। जीन और हार्मोन में परिवर्तन (बीमारी से जुड़ा) भी इसका एक कारण माना जा सकता है। एंटी-सीसीपी एंटीबॉडी – इस टेस्ट के माध्यम से खून में सीसीपी (ष्4ष्द्यद्बष् ष्द्बह्लह्म्ह्वद्यद्यद्बठ्ठड्डह्लद्गस्र श्चद्गश्चह्लद्बस्रद्ग) एंटीबॉडी की तलाश की जाती है (3) इसके अलावा कुछ अन्य टेस्ट भी शामिल हैं (2) – कंप्लीट ब्लड काउंट (ष्टशद्वश्चद्यद्गह्लद्ग ड्ढद्यशशस्र ष्शह्वठ्ठह्ल) मेटाबॉलिक पैनल और यूरिक एसिड (रूद्गह्लड्डड्ढशद्यद्बष् श्चड्डठ्ठद्गद्य ड्डठ्ठस्र ह्वह्म्द्बष् ड्डष्द्बस्र)
सी-रिएक्टिव प्रोटीन (ष्ट-ह्म्द्गड्डष्ह्लद्ब1द्ग श्चह्म्शह्लद्गद्बठ्ठ) एरिथ्रोसाइट सेडिसेंटेशन रेट (श्वह्म्4ह्लद्धह्म्शष्4ह्लद्ग ह्यद्गस्रद्बद्वद्गठ्ठह्लड्डह्लद्बशठ्ठ ह्म्ड्डह्लद्ग)
एंटीन्यूक्लियर एंटीबॉडी (्रठ्ठह्लद्बठ्ठह्वष्द्यद्गड्डह्म् ड्डठ्ठह्लद्बड्ढशस्र4)
हेपेटाइटिस के लिए टेस्ट (ञ्जद्गह्यह्लह्य द्घशह्म् द्धद्गश्चड्डह्लद्बह्लद्बह्य) जोडों का एक्स-रे (छ्वशद्बठ्ठह्ल &-ह्म्ड्ड4ह्य) जोडों का अल्ट्रासाउंड या एमआरआई (छ्वशद्बठ्ठह्ल ह्वद्यह्लह्म्ड्डह्यशह्वठ्ठस्र शह्म् रूक्रढ्ढ) जोडों का द्रव विश्लेषण (छ्वशद्बठ्ठह्ल द्घद्यह्वद्बस्र ड्डठ्ठड्डद्य4ह्यद्बह्य)अभी बाकी है जानकारी
आरए के निदान जान लेने के बाद चलिए बताते हैं रूमेटाइड अर्थराइटिस का इलाज कैसे करा सकते हैं।
(क्रमश: आगे अगले अंक में
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