आमवात (गठिया)को ठीक करने के आसान तरीकें (Rheumatoid Arthritis)-1

आमवात (गठिया)को ठीक करने के आसान तरीकें (Rheumatoid Arthritis)-1

You are currently viewing आमवात (गठिया)को ठीक करने के आसान तरीकें (Rheumatoid Arthritis)-1

लेखक:- डॉ पवन कुमार सुरोलिया सम्पर्क सूत्र- 9829567063

आज दुनिया में सबसे ?्यादा लोग गठिया (्रह्म्ह्लद्धह्म्द्बह्लद्बह्य) से ही परेशान हैं, ब?े ही नहीं, नौजवान भी इस बिमारी का शिकार हो रहे हैं. आयुर्वेद में गठिया के बारे में बहुत सी बातें बोली गई हैं, आइये उन्हें जाने-अपच के कारण हम ष्शठ्ठह्यह्लद्बश्चड्डह्लद्गस्र महसूस करते है और हमारे शरीर में बनने वाली हवा दूषित हो जाती हैं, जब यह दूषित हवा शरीर के रक्त से मिलकर सभी शह्म्द्दड्डठ्ठह्य में जाती है तो वह इक_ी हो जाती है जिससे बहुत दर्द और अक?न होती हैं। इस ची? को आमवात (क्रद्धद्गह्वद्वड्डह्लद्बह्यद्व) कहते हैं और जब यह स्थिति लम्बे समय तक बनी रहे तो इसे ्रह्लद्धह्म्द्बह्लद्बह्य यानि गठिया का नाम दिया जाता हैं। इसलिए अपनी पाचन क्रिया को हमेशा सही रखना चाहिए. हृशह्लद्ग: वैसे तो ्रद्यद्यशश्चड्डह्लद्ध4 के अनुसार, गठिया 3 प्रकार का होता है, लेकिन आयुर्वेद में तीनो का उपाय एक ही बताया गया है.
गठिया के प्रमुख लक्षण (स्4द्वश्चह्लशद्वह्य शद्घ ड्डह्म्ह्लद्धह्म्द्बह्लद्बह्य द्बठ्ठ द्धद्बठ्ठस्रद्ब)
बिना किसी चोट के दर्द हो और ये दर्द एक सप्ताह से भी ज्यादा से हो रहा है।जो?ों में सूजन आये।तबियत लगातार ?राब हो और बुखार भी आने लगे।जो?ों में इतनी सूजन और कोमलता आ जाये कि छूते से ही दर्द शुरू होने लगे।
गठिया के प्रमुख उपाय
अब चलिए कुछ ऐसे नुस्खे देख लेते हैं जो हमे गठिया में मदद कर सकते हैं. शुरुआत में सुई के चुबने जैसा दर्द हो, तब सबसे पहले हमें ष्शठ्ठह्यह्लद्बश्चड्डह्लद्बशठ्ठ का उपाय करना चाहिए घुटनों (्यठ्ठद्गद्गह्य) और जो?ों (छ्वशद्बठ्ठह्लह्य) के दर्द के लिए, भाप की सिकाई करनी चाइये. भाप सेक विधि के बारे में आगे जानेगे। 20 ग्राम गिलोय (त्रद्बद्यश4) का चूर्ण बना के 1 गिलास पानी में दाल ऊबाल ले। जब पानी एक चौथाई रह जाए तो उसे छान ले। यह गिलोय का का?ा तैयार हो गया। अब अरंडी (ष्टड्डह्यह्लशह्म् शद्बद्य श्चद्यड्डठ्ठह्ल) की ह्म्शशह्लह्य को सुखा कर उसका श्चश2स्रद्गह्म् बना ले, दिन में 3 बार इस श्चश2स्रद्गह्म् को खाए और फिर गिलोय का का?ा पी ले। दर्द हल्का होगा। दर्द वाली जगह की द्वड्डह्यड्डड्डद्दद्ग करने से राहत मिलती हैं। इसके लिए एक सा? कांच की बोतल में 20 ग्राम टिल के तेल में 2 ग्राम कपूर डाल कर धुप में रख दे। जब दोनों मिल जाए तो उससे मालिश कर ले। असगन्ध (्रह्यद्ध2ड्डद्दड्डठ्ठस्रद्धड्ड, अश्वगंधा) के पौधे का चूर्ण बना ले, उसमें जितना पौधा हैं उतनी ही चीनी मिला कर तीन बार छाने और बोतल में भर ले। सुबह शाम इसका सेवष्टन गरम व मीठे दूध के साथ कीजिये। तो?ी सी अजवाइन, गुग्गुल (ड्ढस्रद्गद्यद्यद्बह्वद्व-ह्लह्म्द्गद्ग), मालकांगनी (क्चद्यड्डष्द्म शद्बद्य श्चद्यड्डठ्ठह्ल) और कालादाना को अलग अलग पीस कर उसमें हल्का सा पानी मिला कर उसकी छोटी छोटी गोलियां बना ले। इसकी 2 गोलियां दिन में 3 बार गरम पानी क साथ लेने से गठिया में राहत मिलती हैं। घुटने के दर्द को दूर करने के लिए, 20 ग्राम निर्गुण्डी (ष्टद्धद्बठ्ठद्गह्यद्ग ष्द्धड्डह्यह्लद्ग ह्लह्म्द्गद्ग) के पत्तो में 2 ग्राम लॉन्ग (ष्टद्यश1द्ग) मिला कर उसकी 4 गोलियां बना ले और दो गोलियां सुबह और दो शाम को खा ले।
भाप सेख विधि:
दूषित हवा से आँख, सर, कमर, पीठ व घुटनों में दर्द हो जाता हैं, तब भाप की सिकाई हमे इस दर्द से राहत दिला सकती हैं।आईए जाने की कैसे इस विधि का उपयोग किया जाता हैं: 2 लीटर पानी में थो?ी से अजवाइन और 1-2 चम्मच साधा नमक डाल कर उबाल ले। जब पानी में से भाप निकलने लगे तो उसे किसी छन्नी से ढक दें। 2 छोटे पर मोटे कपडे या कोई नैपकिन ले, उसे पानी में भिगो कर निचो? ले। फिर उस कप?े को 4 बार द्घशद्यस्र करके छन्नी पे रख दे। जब कप?ा गरम हो जाए तो उसे हटा ले और दूसरा कप?ा रख दे। अब इस गरम कप?े को वहाँ रख दे जहाँ दर्द हो रहा हो तकरीबन 20-25 मिनट के लिए। इस विधि को ही भाप सेक विधि कहते हैं। इस विधि के इस्तेमाल के व?्त कुछ बातों का ध्यान रखें: सर या नाभि के नीचे के हिस्सों पर इससे इस्तेमाल न करे। इस पानी को आप 3 दिन तक ह्वह्यद्ग कर सकते हैं, चौथे दिन वापस से पूरी विधि ह्म्द्गश्चद्गड्डह्ल कीजिये।जैसे ही दर्द ठीक हो जाए, भाप का सेक रोक दे।
आहार्य उपचार (क्कह्म्द्गष्ड्डह्वह्लद्बशठ्ठह्य):
गठिये के दौरान शरीर में ह्वह्म्द्बष् ड्डष्द्बस्र अधिक मात्रा में बनने लगता हैं, जो इस रोग को और भी ?राब बना देता हैं। इसलिए इस एसिड को ?्यादा बनने और ्रह्म्ह्लद्धह्म्द्बह्लद्बह्य को नियंत्रण में रखने क लिए हमे कुछ श्चह्म्द्गष्ड्डह्वह्लद्बशठ्ठ लेने चाहिए- वजन को कम रखना चाहिए और ऐसी ची?ें खानी चाहिए जिसमे ष्द्धशद्यद्गह्यह्लह्म्शद्य कम हो। वही भोजन खाना चाहिए जिसमे क्कह्म्शह्लद्गद्बठ्ठ की मात्रा कम हो। इसलिए हृह्रठ्ठ-ङ्कद्गद्द का सेवन बिलकुल बंद कर देना चाहोये. शरीर में प्रोटीन (श्चह्म्शह्लद्गद्बठ्ठ) की कमी न हो उसके लिए दूध व पनीर का सेवन करना चाहिए। शरीर काम करने के लिए द्गठ्ठद्गह्म्द्द4 बना पाए इसलिए हमे प्रोटीन कम और ष्ड्डह्म्ड्ढशद्ध4स्रह्म्ड्डह्लद्गह्य ?्यादा खाने चाहिए। इस संतुलन से हमारे शरीर का द्वद्गह्लड्डड्ढशद्यद्बह्यद्व श्चह्म्शष्द्गह्यह्य अच्छा रहेगा और दूषित ची?ों का ड्ढशस्र4 में बनना कम होगा। अगर शरीर में ह्वह्म्द्बठ्ठद्ग की मात्रा कम हैं तो दूध, छाछ, शरबत या सूप का सेवन कर सकते हैं7 ष्शद्घद्घद्गद्ग और चाय भी सीमा में रह कर पी सकते हैं। परन्तु शराब या उससे बने पदार्थ नहीं। कभी भी भूखे नहीं रहे। कुछ – कुछ देर में पानी या हल्का ह्यशद्यद्बस्र खाना या ह्यठ्ठड्डष्द्मह्य खाते रहे।अगर आप इन बातों पर ध्यान देंगे और नियमित रूप से दवाई भी लेंगे तो अवश्य ही गठिये का रोग आपसे दूर रहेगा। अगर आप भी गठिया से परेशान हैं तो ये उपाय ?रूर अपनाएं और हमे बनाये कि आपका अनुभव कैसा रहा।

Leave a Reply